कुंडली विवाह योग (Kundli Vivah Yog) – विवाह के शुभ समय और उपाय
विवाह जीवन का एक पवित्र बंधन है और कुंडली विवाह योग इसके लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि और गुरु ग्रह का सप्तम भाव या लग्न पर प्रभाव विवाह के योग बनाता है। सही समय पर विवाह करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

कब होगा विवाह?
- विवाह समय निर्धारण: ग्रहों की स्थिति देखकर विवाह का सही समय बताया जाता है।
- विवाह काल का निर्णय: कुंडली के आधार पर विवाह के अनुकूल काल का चयन।
- विवाह में बाधक योग: ऐसे ग्रह योग जो विवाह में रुकावट डाल सकते हैं।
- विवाह योग के मुख्य कारक: सप्तम भाव, गुरु और शनि ग्रह की स्थिति।
- विवाह में देरी या असफलता: ग्रह दोष और उपाय।
विवाह योग बनने के लिए उपाय
- माँ पार्वती की विधिवत पूजा करें।
- प्रतिदिन नीचे दिए मंत्र का जाप पांच माला करें:
हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्व शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणि, कान्तकांता सुदुर्लुभाम्॥ - नियमित पूजा और मंत्र जाप से विवाह का योग जल्दी बनता है।
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