महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Jaap )
महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है, जो रोग, भय और मृत्यु के भय से रक्षा करता है। यह मंत्र आयु, स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

महामृत्युंजय मंत्र का पाठ
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥”
इस मंत्र का नियमित जाप करने से शारीरिक और मानसिक बीमारियों से रक्षा होती है, जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और संकटों से मुक्ति मिलती है।
महामृत्युंजय मंत्र का महत्व
- यह मंत्र रोग निवारण और लंबी आयु का दाता है।
- संकट, भय और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
- मानसिक शांति और एकाग्रता में वृद्धि करता है।
- जीवन में नयी ऊर्जा और उत्साह भरता है।
मंत्र जाप की विधि
- सुबह-सुबह या शाम को शुद्ध स्थान पर बैठकर करें।
- 108 बार या कम से कम 5 माला जाप करें।
- ध्यान केंद्रित करके, भगवान शिव के रूप की कल्पना करते हुए जाप करें।
- नियमित जाप से आपको शीघ्र लाभ मिलेगा।/li>